मैथिली मे संस्मरण

स्मृतिक आधार पर कोनो विषय वा व्यक्ति पर लिखल आलेख संस्मरण कहाबैत अछि। लेखक ज‌‍ऽ देखैत अछि अनुभव करैत अछि तकर चित्रण करैत अछि।
संस्मरण एेतिहासिक आ साहित्यिक रूपसँ महत्वपूर्ण अछि। तत्कालिन समाजिक, धार्मिक,प्रशासनिक समसामयिक जीवन शैलीक विवरण भेटैछ। गिरीन्द्र मोहन मिश्रक “किछु देखल, किछु सुनल” मे मिथिलाक स्वतंत्रताक संग्राममे योगदान, मिथिला मिहिरक जन्म वा पुर्नजन्म, मिथिला परिषदक, राजदरभंगाक संचालनक विवरण भेटैछ। एहि कृतिकेँ भारत सरकार द्वारा साहित्य अकादमी पुरसकारसँ सम्मानित कएल गेल।
एहि विधामे मात्रात्मक दृष्टिसँ कम काज भेल मुदा स्तरक
दृष्टिकोणसँ उत्कृष्ट। मैथिली संस्मरणमे जे रचनाकार आ कृति उल्लेखनिय अछि से छथि – बद्रीनाथ झाक “अभिनंदन ग्रंथ”, रमानाथ झाक “अभिनंदन ग्रंथ”, यात्रीक “प्रवासीक संस्मरण”, हरिमोहन झाक “स्वर्गीय”, कुमारगंगानंद सिंहक “स्मृतिक अंक” आ जनारदन झा जनसीदनक “संस्मरण”।

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